कोरोना -19 : शव दफनाने के नियमों को धता बता मेडिकल स्टाफ कोरोना मरीज के शव को स्ट्रेचर से कब्र में फेंक कर रहे है दफ़न, Video हुआ वायरल
नई दिल्ली। पुडुचेरी में एक लापरवाही का मामला सामने आया है। दरअसल यहां कुछ मेडिकल स्टाफ द्वारा एक कोरोना मरीज के शव को स्ट्रेचर से सीधे कब्र में फेंक दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद वहां के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। पुडुचेरी स्वास्थ्य विभाग ने वीडियो सामने आने के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में साफ साफ देखा जा सकता है कि कैसे मेडिकल स्टाफ एक एम्बुलेंस से कोरोना मरीज के शव को कब्रिस्तान लेकर पहुंचते हैं। इसके बाद चार मेडिकल स्टाफ शव को लेकर कब्र तक जाते हैं और फिर दूर से ही स्ट्रेचर से शव को गड्ढे में फेंक देते हैं। इतना ही नहीं शव को दफनाने के लिए किसी गाइडलाइन को भी फॉलो नहीं किया गया। बॉडी एक साधारण से कपड़े में लिपटी थी। जबकि नियमों के मुताबिक कोरोना से मौत होने पर शव को बैग में रखा जाता है।
Body of a person who died due to COVID19 simply dumped into a burial pit at Puducherry. Issue raises condemnation.
What does @thekiranbedi have to say!? pic.twitter.com/Uq2W6hh0kx
— Pramod Madhav (@PramodMadhav6) June 6, 2020
मिली जानकारी के अनुसार वायरल हो रहे वीडियो में जिस शख्स की लाश को कब्र में फेकते हुए दिखाया गया है वो व्यक्ति अपनी पत्नी से मिलने ससुराल गया था। वो अपने माता-पिता के साथ केंद्र पडुचेरी में रहता था। सीने में दर्द होने पर वह व्यक्ति अपने ससुराल पहुंचने पर बेहोश हो गया। उसे तुरंत पुडुचेरी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में, डॉक्टरों ने कहा कि वह यहां लाने से पहले ही दम तोड़ चुका था। मृतक के शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया । यह जांच किया तो वह व्यक्ति वास्तव में वायरस से संक्रमित था। मृतक की लाश को जल्द ही कब्रिस्तान में दफनाने के लिए भेजा गया था।
मामले के सामने आने के बाद हेल्थ डॉयरेक्टर मोहन कुमार ने कहा, “जो लोग शरीर को दफनाने के लिए ले गए थे, वे पहली बार ऐसा कर रहे थे और वे इस बीमारी से में थोड़ा डरे हुए थे। हमने उन्हें चेतावनी दी है कि यह फिर से नहीं होना चाहिए और हमने जिला प्राधिकरण और अस्पताल प्राधिकरण को सूचित किया है कि इस तरह की घटना दोबारा सामने नहीं आने चाहिए।
अधिकारी ने कहा कि घटना के संबंध में अस्पताल प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। 5 जून को हुई इस घटना में अस्पताल के अधिकारी, राजस्व, स्वास्थ्य और पुलिस सभी शामिल थे, जो कोरोना मरीज के शव को दफनाने में जुटे हुए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या मृतक के परिवार से माफी मांगी गई है डॉ। मोहन कुमार ने कहा, “उनके परिवार से हमारी कोई मुलाकात नहीं हुई है। हम बस इतना कहना चाहते हैं कि यह जानबूझकर नहीं किया गया था, यह एक मानवीय त्रुटि थी।”