कोरोना से जंग: IIT दिल्ली के वैज्ञानिकों ने बनाई 50 रुपये की स्वदेशी रैपिड एंटीजन जांच किट

न्यूज़ डेस्क। IIT दिल्ली के वैज्ञानिकों ने देश की सबसे सस्ती और पूर्णता स्वदेशी रैपिड एंटीजन जांच किट ईजाद की है। इस जांच किट की कीमत सिर्फ 50 रुपये है। किट कोरोना वायरस एंटीजन के लिए विशिष्ट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी पर आधारित है। इसके प्राप्त परिणाम गुणात्मक आधारित हैं और खुली आंखों से देखने पर भी इसका अनुमान लगाया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने शुक्रवार को इस जांच किट को लांच किया। उन्होंने कहा कि यह तकनीक देश में कोविड परीक्षण उपलब्धता में क्रांति लाएगी।

बताया गया है कि यह जांच किट पूरी तरह से आईआईटी दिल्ली में आंतरिक संसाधनों का उपयोग करके विकसित की गई है। आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. वी. रामगोपाल राव ने इस अवसर पर कहा, ”आईआईटी दिल्ली ने जुलाई 2020 में 399 रुपये की RTPCR किट भी लॉन्च की थी। जिससे आरटीपीसीआर परीक्षण लागत को मौजूदा स्तर पर लाने में सहायता मिली। इतना ही नहीं संस्थान से विकसित तकनीकों का उपयोग करते हुए अब तक 80 लाख से अधिक पीपीई किट की आपूर्ति की जा चुकी है। इस एंटीजन आधारित रैपिड परीक्षण किट के लॉन्च होने के साथ, हमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नैदानिक को आसान और सस्ता बनाने की उम्मीद है।’’

जाहिर है कि सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ. हरपाल सिंह के नेतृत्व में आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं द्वारा इसे विकसित किया गया है। प्रो. हरपाल सिंह ने कहा कि यह सामान्य जनसंख्या जांच और कोविड-19 के निदान के लिए उपयुक्त है। सार्स-सीओवी-2 एंटीजन रैपिड परीक्षण मानव नाक की स्वैब, गले की स्वैब और गहरे लार के नमूनों में सार्स-सीओवी-2 एंटीजन के गुणात्मक निर्धारण के लिए एक कोलाइडल गोल्ड संवर्धित दोहरे एंटीबॉडी सैंडविच प्रतिरक्षा है। इसके अलावा तेजी से प्रतिरक्षा क्रोमैटोग्राफिक विधि का उपयोग करते हुए, नासॉफिरिन्जियल स्वैब में सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस एंटीजन के गुणात्मक खोज करने के लिए आविष्कार को इन विट्रो नैदानिक किट की ओर निर्देशित किया गया है।

इससे पहले भी आईआईटी के वैज्ञानिक कोरोना से जंग के लिए कई आविष्कार कर चुके हैं।-

दिल्ली आईआईटी ने बनाई सबसे हल्की पीपीई किट, शरीर को गर्मी से भी बचाएगी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद देश का तमाम संस्थान और वैज्ञानिक कोरोना से लड़ाई में अपनी तरफ से योगदान देने में जुटे हैं। कोरोना मरीजों के इलाज में पीपीई किट बहुत महत्वपूर्ण है। दिल्ली आईआईटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी पीपीपी किट बनाने में सफलता हासिल की है, जो न सिर्फ सबसे हल्की है, बल्कि कई खूबियों से भी लैस है। बाजार में अभी जो पीपीई मौजूद हैं, उनका वजन 400 से 500 ग्राम के करीब है। लेकिन आईआईटी दिल्ली के टेक्सटाइल एंड फाइबर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एमिरिटस डॉ एस.एम.इश्तियाक ने डीआरडीओ के कानपुर स्थित डिफेंस मटेरियल्स एंड स्टोर्स रिसर्च एंड डिवेलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (डीएमएसआरडीई) के सहायक निदेशक डॉ बिसवा रंजन के साथ मिलकर इस आरामदायक पीपीई किट को तैयार किया है।

वैज्ञानिकों के मातबिक यह पीपीई किट मौजूदा पीपीई से बहुत अलग है और इसमें कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इसमें इस तरह से फाइबर का उपयोग किया गया है जिससे संक्रमित कण इस पर नहीं ठहर सकते हैं। पानी भी इसमें डलेगा तो वह छलक जाएगा। यह कोविड-19 से डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों का बचाव करने में सक्षम है। इसका वजन 300 ग्राम है जो बाजार में अभी मिल रहे पीपीई से बहुत कम है। इसके साथ ही गर्मी के समय में डॉक्टरों, नर्सों को कोई परेशानी न हो इसके लिए इस किट को इस प्रकार तैयार किया गया है कि जिससे यह शरीर की गर्मी को भी बाहर भेजेगा। जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों को गर्मी से परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। इस पीपीई किट की कीमत 900 रुपये है।

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