हेट स्पीच पर बीजेपी नेताओं के खिलाफ याचिका दायर करने वाले मंदर का भड़काऊ वीडियो वायरल, SC ने मांगा जवाब
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ याचिका दायर कर उन पर हेट स्पीच का आरोप लगाने वाले हर्ष मंदर खुद अब विवादों पर घिर गए हैं। दूसरों पर भड़काउ बयान देने का आरोप लगाकर अदालत जाने वाले हर्ष मंदर का विवादित विडियो सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से जहां एक तरफ इंकार कर दिया बल्कि कोर्ट ने उनसे सफाई भी मांगी है। चीफ जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। जब तक इन आरोपों पर सफाई नहीं आ जाती, हम मंदर की याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे।
अब फ़ैसला संसद या SC में नहीं होगा। SC ने अयोध्या और कश्मीर के मामले में secularism की रक्षा नहीं की। इसलिए फ़ैसला अब सड़कों पर होगा।
This man Harsh Mander, who wrote the draconian CVB, is in HC to get FIRs against people for hate speech… And a judge gave him midnight hearing! pic.twitter.com/zrXYyBxfE3
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) March 4, 2020
प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी सरकार के मुखर आलोचक रहे हर्ष मंदर का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो नगारिकता कानून के खिलाफ लोगों को भड़काते नजर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मंदर कहते हैं, “ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं जीती जाएगी, क्योंकि हमने सुप्रीम कोर्ट को देखा है- एनआरसी के मामले में, कश्मीर के मामले में, अयोध्या के मामले में। उन्होंने (सुप्रीम कोर्ट) इंसानियत, समानता और सेक्युलरिज्म की रक्षा नहीं की है।” वे आगे कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हम कोशिश जरूर करेंगे। लेकिन इसका फैसला न संसद में होगा, न सुप्रीम कोर्ट में होगा, बल्कि ये फैसला सड़कों पर होगा। बीजेपी के मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने हर्ष मंदर का यह वीडियो ट्वीट किया है।
आपको संक्षिप्त में हर्ष मंदर के बारे में भी बता देते हैं। हर्ष मंदर यूपीए कार्यकाल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सलाह देने के लिहाज से गठित की गई नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य रहे हैं। नागरिकता संशोधन बिल (CAA) जब संसद में आया था तो उन्होंने ऐलान किया था कि यदि यह कानून बना तो वे आधिकारिक रूप से इस्लाम धर्म अपना लेंगे। सरकार द्वारा उनसे कागज की मांग किए जाने पर वो कागज भी नहीं दिखाएंगे। अजमल कसाब और याकूब मेमन जैसे आतंकियों के लिए वे दया याचिका भी दायर कर चुके हैं।