कोरोना वायरस पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया ट्वीट- केंद्रीय मंत्री विदेश नहीं जाएंगे, आप भी करें परहेज
नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर दो ट्वीट किए है। पहले ट्वीट में PM मोदी ने कहा है कि COVID -19 (कोरोना वायरस) की स्थिति को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है। सभी मंत्रालयों और राज्यों में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। ये चरण व्यापक हैं, जिसमें वीजा के निलंबन से लेकर स्वास्थ्य सेवा की क्षमता बढ़ाना शामिल है।
दूसरे ट्वीट में PM मोदी ने कहा है कि दशहत को कहे ना, बचाव को हां। केंद्र सरकार का कोई भी मंत्री आगामी दिनों में विदेश यात्रा नहीं करेगा। मैं अपने देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे गैर-जरूरी यात्रा से भी बचें। हम बड़ी सभाओं को टालकर सभी की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।
विदेश मंत्री श्री जयशंकर ने कोरोना वायरस के कारण ईरान में फंसे भारतीयों के बारे में गुरुवार को लोकसभा में स्वत: दिये गये वक्तव्य के बाद सदस्यों के स्पष्टीकरण मांगे जाने पर कहा कि सरकार प्राथमिकता केे आधार पर उन देशों से नागरिकों को पहले लायेगी जहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा है। अभी ईरान और इटली की स्थिति ज्यादा चिंता का विषय है इसलिए सरकार का फोकस इन दोनों देशों पर पहले रहेगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान से 58 भारतीय नागरिकों को मंगलवार को ही वापस लाया गया है और दो सौ से अधिक अन्य लोगों को लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब इटली में आज एक मेडिकल टीम भेजी जा रही है जो वहां फंसे भारतीयों की जांच करेगी जिससे कि उन्हें वापस लाया जा सके। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही देशों में स्थानीय स्तर पर जांच में लंबा समय लग रहा है इसलिए भारत अपनी खुद की जांच टीम वहां भेज रहा है जिससे नागरिकों को वापस लाया जा सके। इटली से लोगों को लाने के लिए उनके पास कोरोना से मुक्त होने का प्रमाण पत्र जरूरी है इसलिए यह कदम उठाया गया है। इस बारे में पहले भी परामर्श जारी किया गया था।
The Government is fully vigilant about the situation due to COVID-19 Novel Coronavirus .
Across ministries & states, multiple steps have been proactively taken to ensure safety of all.
These steps are wide-ranging, from suspension of Visas to augmenting healthcare capacities.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2020
उन्होंने कहा कि सरकार पहले इटली और ईरान में फंसे श्रद्धालुओं तथा छात्रों पर ध्यान दे रही है इसके बाद ईरान में फंसे मछुआरों को वापस लाया जायेगा। ये मछुआरे दक्षिणी ईरान में फंसे हैं जहां कोरोना का प्रकोप अधिक नहीं है। उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों में भारतीय दूतावास लोगों से संपर्क बनाये हुए और उनकी सभी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है और कोरोना की स्थिति को लेकर हड़बड़ी या अफरा तफरी की स्थिति नहीं बनायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन के वुहान और जापान के डायमंड प्रिसेंज क्रूज़ से भारतीयों को निकालने और ईरान में फंसे भारतीयों को निकालने की परिस्थितियों में अंतर है।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि ईरान के विभिन्न प्रांतों में 6000 से अधिक भारतीय फंसे हैं जिनमें मुख्य रूप से लद्दाख और जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेशों तथा महाराष्ट्र के 1100 तीर्थयात्री, जम्मू और कश्मीर के 300 छात्र, केरल, तमिलनाडु और गुजरात सहित देश के विभिन्न हिस्सों के लगभग 1000 मछुआरे और ऐसे लोग शामिल हैं जो अपनी जीविका और धार्मिक अध्ययन के लिए ईरान में रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रकोप के चलते भारत और ईरान के बीच सीधी उडान सेवा 27 फरवरी से निलंबित है और वापस आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है। ईरान में संसाधनों पर दबाव को देखते हुए छह विशेषज्ञों की टीम वहां अपने नागरिकों की 24 घंटे जांच कर रही है। वहां फंसे लोगों में से 58 तीर्थयात्रियों को वायु सेना के विशेष विमान से वापस लाया गया है जिनमें 25 पुरूष, 31 महिलाएं और दो बच्चे हैं। इस उडान में 529 भारतीयों के नमूने भी लाये गये हैं जिनकी जांच किये जाने पर 229 के टेस्ट निगेटिव आये हैं। सरकार का प्रयास है कि इन नागरिकों को जल्द से जल्द वापस लाया जाये। इन नागरिकों की वापसी के लिए सीमित उडानों के संचालन पर ईरान के साथ बात की जा रही है।
Say No to Panic, Say Yes to Precautions.
No Minister of the Central Government will travel abroad in the upcoming days. I urge our countrymen to also avoid non-essential travel.
We can break the chain of spread and ensure safety of all by avoiding large gatherings.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2020
विदेश मंत्री ने कहा कि तेहरान स्थित दूतावास और बंदर अब्बास तथा जाहेदान स्थित वाणिज्यदूतावास वहां फंसे भारतीयों से निरंतर संपर्क बनाये हुए हैं। जम्मू कश्मीर के छात्रों की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि मंगलवार को वह श्रीनगर में इन छात्रों के अभिभावकों से मिले थे और उन्हें वस्तुस्थिति तथा हालात से अवगत कराया है। सरकार देश लौटने वाले हर नागरिक को हरसंभव मदद करने को तैयार है। ईरान के असालूयेह, चिरूयेह और किश शहरों में फंसे भारतीय मछुआरों तक भी आवश्यक सामग्री पहुंचायी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार दुनिया के किसी भी हिस्से में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वीजा स्थगित किये जाने के बारे में सदस्यों के सवालों पर डॉ. जयशंकर ने सदस्यों को बताया कि 15 अप्रैल तक सरकार ने वीसा प्रतिबंध लगाये हैं। ऐसा केवल भारत ने ही नहीं बल्कि अनेक अन्य देशों ने भी किया है। उन्होंने यह भी बताया कि विदेश मंत्रालय विदेशों में फंसे ऐसे भारतीयों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित करने पर विचार कर रहा है।
इसी क्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने बताया कि भारत सरकार की स्क्रीनिंग प्रणाली चाकचौबंद और बहुत सघन है। एक एक संदिग्ध के संपर्क में आने वाले 150 से 250 लोगों पर नज़र रखी जा रही है। इस समय 30 हवाईअड्डों पर स्वास्थ्य जांच व्यवस्था काम कर रही है।