जम्मू-कश्मीर पर दिेए अपने बयान पर हैं कायम मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर
कुआलालंपुर। मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि वह कश्मीर पर अपने बयान पर कायम है तथा वह अपने मन की बात बोलते हैं और इससे पलटते एवं बदलते नहीं हैं। कश्मीर पर उनके बयान को लेकर भारत द्वारा आपत्ति जताये जाने के कई दिन बाद उनकी यह प्रतिक्रिया आयी है। महातिर ने आरोप लगाया था कि भारत ने जम्मू-कश्मीर पर ‘‘आक्रमण करके कब्जा’’ किया है।
महातिर ने कहा कि भारत को इस मुद्दे के समाधान के लिये पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिये। भारत के विदेश मंत्रालय ने महातिर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी। महातिर ने संसद में संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने महसूस किया है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से कश्मीर के लोगों को फायदा हुआ था और हम सभी यह कह रहे हैं कि न केवल भारत और पाकिस्तान बल्कि अमेरिका और अन्य देशों को भी इसका पालन करना चाहिए।’’ ‘स्टार’ समाचार पत्र ने मलेशियाई प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, ‘‘हम अपने मन की बात बोलते हैं और हम इससे पलटते और बदलते नहीं हैं।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि भारत और मलेशिया के बीच पारंपरिक रूप से अच्छे और मैत्रीपूर्ण संबंध है और ‘‘हम इन टिप्पणियों पर अफसोस जताते हैं क्योंकि ये तथ्यों पर आधारित नहीं है।’’
महातिर ने कहा, ‘‘कभी-कभी, हमारे तनावपूर्ण संबंध रहे लेकिन हम लोगों के साथ दोस्ताना व्यवहार करना चाहते हैं। मलेशिया एक व्यापारिक राष्ट्र है, हमें बाजारों की आवश्यकता है और इसलिए, हम लोगों के लिए अच्छे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, इसके अलावा, हमें लोगों के लिए बोलना होगा। इसलिए, कभी-कभी हम जो कहते हैं वह कुछ को पसंद आता है और दूसरों को नापसंद होता है।’’ मलेशिया से पाम ऑयल नहीं खरीदने संबंधी भारतीय व्यापार संस्था के आह्वान पर महातिर ने कहा कि सरकार उनके बहिष्कार के प्रभावों का अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार नहीं है, इसलिए हमें यह पता लगाना होगा कि हम इन लोगों के साथ कैसे संवाद कर सकते हैं, क्योंकि हम एक व्यापारिक राष्ट्र हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या मलेशिया विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को भारत की रिपोर्ट करेगा, महातिर ने कहा, ‘‘फिलहाल नहीं।’