जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने, सरकार समाज के सभी तबकों के साथ मिलकर काम करेगी : श्री शाह
नई दिल्ली। नवगठित ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ’ के एक शिष्टमंडल ने रविवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिस दौरान उन्होंने राज्य का दर्जा शीघ्र बहाल करने, जनसांख्यिकी में बदलाव का इरादा नहीं होने और हिरासत में रखे गये नेताओं की रिहाई के आश्वासन दिये। गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि, ‘‘अगले कुछ महीनों में जमीनी स्तर पर बदलाव दिखाई देंगे।’’
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन भी दिया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार जम्मू कश्मीर के समग्र विकास के लिए सभी कदम उठायेगी।’’
केन्द्र द्वारा पिछले साल 5 अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के बाद पहली बार राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाये गये लगभग 40 मुद्दों पर गृह मंत्री ने कहा कि सरकार का इस केंद्र शासित क्षेत्र में जनसांख्यिकी बदलाव का कोई इरादा नहीं है और ‘‘ इस तरह की बातों का कोई आधार नहीं है।’’
Met with a delegation from J&K’s newly formed Apni Party led by Shri Altaf Bukhari.
We held discussions at great length on series of topics and issues related to the peace and development of J&K region. PM @NarendraModi ji’s govt will leave no stone unturned to take J&K forward. pic.twitter.com/ndSGjJU2Lp
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) March 15, 2020
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी प्रतिनिधिमंडल को इसी तरह का आश्वासन दिया था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार श्री शाह ने कहा कि सरकार जल्द ही जम्मू- कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने की उम्मीदों को पूरा करने के लिए समाज के सभी तबकों के साथ मिलकर काम करेगी। बयान के अनुसार गृह मंत्री ने कहा कि भारत के हित भी यह अच्छा है, क्योंकि यह क्षेत्र सीमावर्ती इलाके में है। शाह ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर के समग्र विकास के लिए सभी राजनीतिक दलों और लोगों से सुझाव और प्रतिक्रिया मांग रही है। पाबंदियों पर प्रतिनिधिमंडल की आशंकाएं दूर करते हुए शाह ने कहा कि पाबंदियों में छूट के संबंध में सभी फैसले जमीनी वास्तविकताओं के आधार पर है न कि किसी दबाव में। उन्होंने हिरासत से लोगों की रिहाई, इंटरनेट बहाल किये जाने, कर्फ्यू में छूट जैसे कदमों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि आने वाले समय में राजनीतिक कैदियों को भी रिहा कर दिया जाएगा क्योंकि सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि एक भी व्यक् ति की मौत नहीं हो, चाहे वह आम कश्मीरी हो या सुरक्षाकर्मी।’’
केन्द्र द्वारा राज्य का विशेष दर्जा वापस लिये जाने और राज्य को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने के पिछले साल पांच अगस्त की घोषणा के बाद कई राजनीतिक नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। उन्होंने जोर दिया कि जम्मू कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के कार्यान्वयन में कोई भेदभाव नहीं है और सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एक औद्योगिक नीति लेकर आएगी। शाह ने उम्मीद जतायी कि अगले चार वर्षों में जम्मू कश्मीर में पिछले 70 वर्षों में मिले 13,000 करोड़ रुपये से तीन गुना अधिक निवेश आयेगा। पार्टी प्रमुख अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में शिष्टमंडल और गृह मंत्री के बीच लगभग दो घंटे तक बैठक चली। इसके बाद बुखारी ने कहा बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें जम्मू-कश्मीर की जनसांख्यिकी में संभावित बदलाव को लेकर लोगों के बीच डर, राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने और हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई का मुद्दा शामिल है। बुखारी ने कहा, गृहमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जनसांख्यिकी में बदलाव का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने यह भी दोहराया कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही परिसीमन की प्रक्रिया जल्द से जल्द वैज्ञानिक तरीके से पूरी की जाएगी।