भारत सरकार ने कोरोनावायरस COVID-19 को किया राष्ट्रीय आपदा घोषित, मृतकों के परिजनों को मिलेगा 4 लाख रुपये का मुआवजा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने COVID-19 को आपदा घोषित किया है और कोरोना वायरस से मरने वालों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से COVID19 को एक आपदा के रूप में माना है। ज्ञात हो कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 84 हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 4 लाख रुपये का भुगतान मुआवजा के रूप में किया जाएगा। इसमें राहत कार्यों में शामिल या प्रतिक्रिया गतिविधियों में शामिल लोग भी शामिल होंगे।
दरअसल, पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर शनिवार को 84 पहुंच गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। इनमें दिल्ली और कर्नाटक में हुई एक-एक व्यक्ति की मौत के मामले भी शामिल हैं।
सऊदी अरब से हाल में लौटे कलबुर्गी के 76 वर्षीय एक व्यक्ति की बृहस्पतिवार को मौत हो गई थी जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित दिल्ली की 68 वर्षीय एक महिला की शुक्रवार की रात राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महिला का पुत्र विदेश से आया था और वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। महिला की मौत मधुमेह और उच्च रक्तचाप के कारण हुई।
दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के सात मामले और उत्तर प्रदेश में 11 मामले सामने आए हैं। कर्नाटक में कोरोना वायरस के छह मरीज जबकि महाराष्ट्र में 14 और लद्दाख में तीन मरीज हैं। इसके अलावा राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, आंध प्रदेश और पंजाब से एक-एक मामला सामने आया है।
केरल में कोरोना वायरस के 19 मामले दर्ज किये गए हैं, जिनमें से तीन मरीजों को पिछले महीने इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 84 पुष्ट मामलों में 17 विदेशी नागरिक शामिल हैं। इनमें इटली के 16 पर्यटक और कनाडा का एक नागरिक है।
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने COVID-19 को एक महामारी घोषित किया है। गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अनिल मलिक ने कहा था कि केवल चार भारत-नेपाल सीमा चौकियां संचालित रहेंगी और भूटान तथा नेपाल के नागरिकों के लिए देश में वीजा मुक्त प्रवेश जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारे को बंद करने का निर्णय विचाराधीन है।